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द मेरिपानचायत ऐप: ग्रामीण भारत के लिए एक मोबाइल गवर्नेंस प्लेटफॉर्म
भारत के पंचायती राज मंत्रालय का आधिकारिक मोबाइल एप्लिकेशन मेरिपानचायत ऐप, ग्रामीण निवासियों, अधिकारियों और हितधारकों के लिए पंचायती राज प्रणाली के साथ जुड़ने के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान करता है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित, यह ऐप बढ़ी हुई पारदर्शिता और जवाबदेही के माध्यम से सुशासन और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देता है।
प्रमुख विशेषताऐं:
- एकीकृत शासन: यह ऐप एक केंद्रीय केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो सूचना और सेवाओं तक सुव्यवस्थित पहुंच के लिए पंचायती राज पोर्टल्स के विभिन्न मंत्रालय को एकीकृत करता है। इसका उद्देश्य 80 करोड़ ग्रामीण निवासियों को अपने स्थानीय शासन से जोड़ना है।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंच महत्वपूर्ण है। ऐप सार्वजनिक प्रतिनिधियों, पंचायत समितियों, एजेंडा और निर्णय, बजट, और अधिक, पंचायत संचालन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए विवरण प्रदान करता है।
- नागरिक सगाई: निवासी ग्राम पंचायत विकास योजनाओं में शामिल करने के लिए कार्यों और गतिविधियों का सुझाव देकर सक्रिय रूप से भाग ले सकते हैं। वे मौजूदा परियोजनाओं की समीक्षा और रेट भी कर सकते हैं।
- सोशल ऑडिटिंग: ऐप विकास परियोजनाओं और लाभार्थी योजनाओं के सामाजिक ऑडिट को सक्षम बनाता है। निवासियों को जियो-टैग की गई तस्वीरों का उपयोग करके परियोजना प्रगति और गुणवत्ता पर रिपोर्ट कर सकते हैं, जवाबदेही बढ़ाते हैं।
- शिकायत प्रबंधन: पंजीकृत उपयोगकर्ता स्थान-आधारित शिकायतें जमा कर सकते हैं, फोटोग्राफिक साक्ष्य के साथ पूरा कर सकते हैं, और उनके संकल्प को ट्रैक कर सकते हैं। इस सुविधा में स्वच्छता, स्ट्रीटलाइट्स और पानी की आपूर्ति जैसे मुद्दे शामिल हैं।
- डिजिटल सशक्तिकरण: मेरिपानचायत ग्रामीण समुदायों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने का प्रयास करता है, सूचना और शासन उपकरण तक आसान पहुंच प्रदान करता है, जिससे डिजिटल समावेशन को बढ़ावा मिलता है।
निष्कर्ष के तौर पर:
मेरिपानचायत पंचायती राज प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। एकीकृत पहुंच, सामाजिक लेखा परीक्षा क्षमताओं और कुशल शिकायत से निपटने सहित इसकी व्यापक विशेषताएं, ग्रामीण नागरिकों को अपने स्थानीय शासन और विकास में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सशक्त बनाती हैं। उपयोगकर्ता के अनुकूल डिजाइन पहुंच सुनिश्चित करता है और ग्रामीण भारत में सुशासन को बढ़ावा देता है।